Meri Rachnayen, Kavita, Poetry, मेरी रचनाएँ College Ka Canteen बड़ा रंगीला है जी कॉलेज का कैंटीन, चाय, समोसे, दही बड़े और मिलते है नमकीन। विद्यार्थियों का जमघट कॉलेज का कैंटीन, जहाँ नहीं चलता कोई कॉलेज का रूटीन। JayaOctober 15, 2017
Meri Rachnayen, Kavita, Poetry, मेरी रचनाएँ Meri Ek Maitri Ne Kaha इस्लाम वह पहला धर्म, जिसने दी औरतों को आज़ादी। तो फिर सारी दुनिया मूर्ख जो कहती, इस्लाम ही है औरतों की बरबादी। JayaDecember 31, 20161 Comment
Meri Rachnayen, Kavita, Poetry, मेरी रचनाएँ Bihar Ka Swaroop बिहार की जनता करे पूकार, बिहार का हो पुनरोद्धार। जो था कभी शिक्षा संस्कृति का गढ़, आज वहीं जनता अनपढ़। JayaNovember 17, 2016
Meri Rachnayen, Kavita, Poetry, मेरी रचनाएँ Tukdon Ki Aag जिन्नाह और नेहरू की लालच, ने जन्म दिया पाकिस्तान को। सत्ता के लालची सौदागरों ने, टुकड़ों में बांट दिया हिंदुस्तान को। JayaSeptember 20, 2016
Kavita, Meri Rachnayen, Poetry, मेरी रचनाएँ Meine Jab Garibi Ko Karib Se Dekha Meine Jab Garibi Ko Karib Se Dekha <———— ***** ————> मुख्य पृष्ठ पर लौंटे JayaAugust 31, 2016
Meri Rachnayen, Kavita, Poetry, मेरी रचनाएँ Muk Vyatha पुरषों को कहते हैं शासक, हम कहते है उन्हें प्रताणक| वास्तविक सत्य उलट है इसके, जो कहा न जाये किसी से| JayaFebruary 1, 2016
Kavita, Meri Rachnayen, Poetry, मेरी रचनाएँ Safaigiri सफाई अभियान का नारा, क्या देश को भी है इतना प्यारा। अगर देश से है वाक़ई में प्यार, फिर सफाई से क्यों है इंकार। JayaOctober 2, 2015
Kavita, Meri Rachnayen, Poetry, मेरी रचनाएँ nari समाज करता नहीं क्यों? विचार, नारी समाज में क्यों है? इतनी लाचार। पुरुष प्रधान समाज सदा करता है अत्याचार, नारी बाध्य है सहने को व्यभिचार। JayaApril 18, 2012
Kavita, Meri Rachnayen, Poetry, मेरी रचनाएँ krandan क्रंदन गर्भ में पल रही, अजन्मी पुत्री माँ से कहे पुकार के। माँ पुत्री है अनमोल, जिसका कोई नही है मोल। माँ… JayaMarch 18, 2012